गाजियाबाद। पत्रकार मीनाक्षी चौधरी ने कहा कि दशहरा का पर्व 10 प्रकार के पापों काम. क्रोध, लोभ, मोह,मद ,मत्सर, अहंकार, हिंसा और चोरी के परित्याग की सदप्रेरणा प्रदान करता है। दशहरे का एक सांस्कृतिक पहलू भी है। भारत कृषि प्रधान देश है और जब किसान अपने खेत में फसल उगाकर अनाज रूपी संपत्ति को अपने घर लाता है तो इससे उसके उल्लास और उमंग का कोई ठिकाना नहीं रहता। इस खुशी के अवसर को वह भगवान की कृपा मानता है और उसे प्रकट करने के लिए वह उसका पूजन करता है। समस्त भारतवर्ष में यह पर्व विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है। महाराष्ट्र में इस अवसर पर सिलंगण के नाम से सामाजिक महोत्सव के रूप में भी से मनाया जाता है। सायं काल के समय पर सभी ग्रामीण जन सुंदर वस्त्रों से सुसज्जित होकर गांव की सीमा पार कर शमी वृक्ष के पत्ते के रूप में स्वर्ण मानकर उसे अपने ग्राम में वापस आते हैं और फिर उस पत्ते का परस्पर आदान-प्रदान किया जाता है।
