हिमाचल प्रदेश ऋषि-मुनियों व देवी-देवताओं की तपोस्थली है। इसलिए यह राज्य देश-विदेश में देवभूमि के नाम से भी प्रख्यात है। राज्य के कोने-कोने में देवी-देवताओं के सैकड़ों ऐतिहासिक व प्राचीन मंदिर हैं, जो श्रद्धालुओं, सैलानियों के लिए आकर्षण व आस्था का केंद्र बिंदु है। हरियाली से आच्छादित घने देवदार के ऊंचे-ऊंचे वृक्ष शिमला की निराली शोभा को और भी चार चांद लगा देते हैं। मंद-मंद बहती समीर के झोंके और अनगिनत पेड़ों पर चहकते पक्षियों का कलरव ऐसा अद्भुत और खूबसूरत मंजर प्रस्तुत करता है कि सैलानी आनंदित होकर इस ओर खिंचे चले आते हैं। वेदों व पुराणों में वैसे भी हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के लिए जाना जाता है। इस राज्य के प्रत्येक भूभाग में देवी-देवताओं की नित्य प्रतिदिन पूजा होती और यहां के लोगों में ईश्वर के प्रति अगाध श्रद्धा व अखंड आस्था समाहित है। एक अनुमान के अनुसार यहां पर लगभग 80 देवी-देवताओं के विभिन्न शैलियों के पुरातन एवं प्राचीन मंदिर व शिवालय हैं, जो किसी न किसी पौराणिक तथा किंवदंतियों से जुड़े हुए हैं।
