बेटियां फाउंडेशन का बच्चों को शिक्षा देने के लिए झुग्गी झोपड़ियां से शुरू हुआ सफर बात है 2005 की एक पिता को रोते हुए देखा और पता लगा कि उसके तीन बच्चों का स्कूल से नाम काट दिया गया है क्योंकि उसके पास फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे
तब से बेटियां फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजू पांडेय ने ठान लिया कि हर उस बच्चों को शिक्षा दी जाएगी जो शिक्षा लेने में असमर्थ है तब से तीनों बच्चों की जिम्मेदारी ली और ग्रेजुएशन तक उनको पढ़ाया और खुशी है कि आज वह एक अच्छा मुकाम हासिल कर पाए 2014 में बेटियां फाउंडेशन का बैनर बनाया गया जिसमें उन सभी बच्चों को शिक्षित किया जाएगा जो शिक्षा से वंचित रहे जिसमें भीख मांगने वाले, नशा करने वाले, मजदूरी करने वाले बच्चे और वे जो किन्हीं कारणो से स्कूल नहीं जा रहे थे उन बच्चों के लिये स्कूल चलो अभियान शुरू किया गया I
तपती धूप में सड़क पर कुड़ा बिनने वाले व भीख मांगने वाले बच्चों को अनेक प्रयासों के बाद एक साथ एक जगह बैठाने में संस्था सफल रही I इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा हर दिन बच्चों की संख्या बढ़ती गई बच्चे जो कई कई दिन तक नहाते नहीं थे अब समय से पहले सड़क किनारे लगी क्लास में आने लगे तीन माह का कठिन प्रयास रंग लाया एक साथ 65 बच्चों को स्कूल में दाखिला कराया गया तब से अब तक यही सिलसिला चल रहा है जिसमें एक बच्चे फैशन डिजाइनर एक लीड की परीक्षा एक बच्चा बीटेक को उतरन किया अभी तक 612 बच्चे साक्षर हो गए हैं l सचिव शिवकुमारी गुप्ता का कहना है कि बच्चे पाठ्यपुस्तक से ज्यादा अध्यापक अध्यापिकाओं के आचरण व्यवहार को समेटते हैं इसलिए पुस्तकों से ज्यादा बच्चों को अच्छे बुरे का ज्ञान जरूरी है ताकि भविष्य में वे अपने अच्छे व्यक्तित्व से एक सफल नागरिक बन सके
मेघना बंसल ने मेयर को ज्ञापन देकर वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय हरबिलास गुप्ता के नाम पर राजनगर सड़क का नाम रखने की माँग की
आज अखिल भारतीय वैश्य स्वाभिमान महासंघ का एक ग्रुप ज़िला प्रभारी अधिवक्ता विष्णुदीप गर्ग के नेतृत्व में शहर मेयर सुनीता दयाल जी से मुलाक़ात की