
गाजियाबाद असीम अरुण समाज कल्याण राज्य मंत्री पधारे जहां व्यापारियों ने महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में मंत्री जी से मुलाकात करी और 1702 दुकानों के किराए को लेकर समस्या से अवगत करवाया और कहा कि जो कमेटी गठित करी गई थी जिसमें पांच नगर निगम के अधिकारी और 6 व्यापारी सम्मिलित थे दो बार मीटिंग होने के बाद भी अधिकारियों द्वारा यह कहा गया कि हम सिर्फ इसमें नुमाइंदे हैं जो निर्णय लिया जाएगा वह नगर आयुक्त और मेयर साहब के द्वारा ही लिया जाएगा हमारा समिति में और कोई रोल नहीं है जब अधिकारियों का समिति में कोई रोल नहीं था तो यह समिति बनाई क्यों गई थी व्यापारियों को पहले तो नगर निगम मेयर चुनाव को लेकर बाद में सांसद चुनाव के बाद समाधान निकालने को लेकर हर बार व्यापारियों को गुमराह किया गया और स्थिति को भ्रामक बनाए रखा सिर्फ व्यापारियों को धोखा देने के लिए समिति का मतलब होता है कि किसी निर्णय पर पहुंच जाए दोनों की सहमति से यदि कार्रवाई एक तरफ से होनी थी तो समिति गठन का क्या फायदा किसी भी प्रकार का कोई निर्णय नहीं निकला और गाजियाबाद के सभी जनप्रतिनिधि और भाजपा के संगठन के सभी उच्च पदाधिकारी से मुलाकात कर केवल आश्वासन के अलावा व्यापारियों को कुछ नहीं मिला गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक जी द्वारा व्यापारियों से यह कहा गया है कि किराया 20-25 परसेंट ही काम हो सकता है लेकिन व्यापारियों द्वारा यह कहा गया है कि आप नियम अनुसार कार्य नहीं कर रहे हैं अगर आप नियम अनुसार कार्य करते हैं तो यह किराया जब से नहीं बढ़ाया गया तब से लेकर आज तक हर 5 साल बाद 12:50% लगाकर ले आए हम देने के लिए तैयार हैं और हर 5 साल बाद 12:50 परसेंट बढ़ाने का विधान रखें तो यह नियमानुसार होगा और व्यापारी इसको मानने को भी तैयार है क्योंकि हर व्यापारी इतना सक्षम नहीं है कि नगर निगम को 18000/12000/8000 महीना दे
मौके पर सुरेश महाजन राकेश स्वामी राजेश बंसल संजीव लाहोरिया विजय वीज शरद मित्तल जयप्रकाश तुषार शर्मा और राजू छाबड़ा उपस्थित रहे