गाजियाबाद। दिल्ली समेत पूरा एनसीआर इस समय धुंध की चादर से ढका हुआ है। ऐसे में बढ़ती धुंध ने लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर बीपी त्यागी ने कहा कि दीपावली में लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दर किनार कर दिया और जमकर पटाखे छुड़ाए। ठंड की आहट के साथ ही राज्य में प्रदूषण भी बढ़ने लगा है। जहरीली होती हवा में अब लोगों का दम घुटने लगा है। हालांकि, अभी भी लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हैं कि आखिर हवा में फैली यह चादर फॉग है या स्मॉग। फॉग, जिसे हिंदी में कोहरा भी कहा जाता है, आमतौर पर ठंड में मौसम में देखने को मिलता है। सर्दियों में अक्सर आसमान में कोहरा यानी फॉग छाया रहता है। फॉग हवा में मौजूद पानी की बेहद छोटी-छोटी बूंदें होती हैं, जिनका रंग सफेद होता है। आसमान में मौजूद कोहरे की वजह से अक्सर सर्दियों में पूरी जगह सफेद चादर नजर आती है, जिसकी वजह से विजिबिलिटी कम हो जाती है। हालांकि, यह सेहत के लिए हानिकारक नहीं होता और न ही इसकी वजह से सांस लेने में कोई तकलीफ होती है, लेकिन कोहरे की वजह से ठंड ज्यादा लग सकती है। फॉग से अलग स्मॉग धुएं और प्रदूषण का मिश्रण होता है, जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक होता है। हवा में सल्फर डाइआॅक्साइड और बेंजीन जैसी हानिकारक गैसों की उच्च मात्रा में मौजूदगी की वजह से स्मॉग होता है, जो देखने में हल्का ग्रे रंग का नजर आता है। इसका सेहत पर बेहद नकारात्मक असर पड़ता है। स्मॉग की वजह से विजिबिलिटी तो कम होती ही है। हऌड के मुताबिक स्मॉग की वजह से आंखों में जलन, स्ट्रोक, हृदय रोग, फेफड़ों का कैंसर और रेस्पिरेटरी सिस्टम से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
मेघना बंसल ने मेयर को ज्ञापन देकर वरिष्ठ समाजसेवी स्वर्गीय हरबिलास गुप्ता के नाम पर राजनगर सड़क का नाम रखने की माँग की
आज अखिल भारतीय वैश्य स्वाभिमान महासंघ का एक ग्रुप ज़िला प्रभारी अधिवक्ता विष्णुदीप गर्ग के नेतृत्व में शहर मेयर सुनीता दयाल जी से मुलाक़ात की