कब तक लव-जिहाद के नाम से मासूम कलियों को कुचला जाएगा,क्या बेटी होना भी घर में अभिशाप है- अजय गुप्ता
अजय गुप्ता राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उद्योग व्यापार मंडल सदस्य सिविल डिफेंस हिंडन एयरपोर्ट एवं समाजसेवी ने कहा कि जिस घर में बेटी होती थी,उसकी तकदीर बदल जाती थी,पर आज बॉलीवुड में जो दिखाया जा रहा है,उससे लगता है घर में बेटी होना एक अभिशाप है,लव-जिहाद के नाम पर कब तक बलि चढ़ती रहेंगी मासूम बच्चियां,कब तलक मोमबत्तियां लेकर उनकी याद में जलाते रहेंगे,कल दिल्ली में हुई डेयरी बाग में घटना से,पूरा हिंदुस्तान विचलित हो गया,मासूम और लाचार 16 साल की नाबालिक बच्ची को,दरिंदा लगातार चाकू से गोद रहा था,जब भी उसका मन नहीं भरा,तो बड़े-बड़े पत्थर उठाकर,उस को कुचल दिया गया,और लोग तमाशा देख कर इधर उधर हो गए,कोई बचाने नहीं आया, आखिर क्या हो गया लोगों की सोच को,क्या तमाशा देखने वाली भीड़ को यह नहीं मालूम,कि उनके घर में भी कोई मासूम बिटिया है,कि वह एक दरिंदे पर भी काबू नहीं पा सके,अगर हिम्मत करते तो,मासूम बच्ची आज हमारे बीच जिंदा होती,बच्चियां तो मां दुर्गा का रूप होती है,आज हमारे देश में नारियां कहां से कहां पहुंच गई,हवाई जहाज से लेकर,आज तक बड़े-बड़े आईपीएस आईएएस अफसर बन गई,पर तमाशा देखने वालों को और वीडियो बनाने वालों को अपनी सोच बदलनी पड़ेगी,बॉलीवुड में दिखाई जाने वाली गंदगी को खत्म करना पड़ेगा,जिससे बच्चों के मानसिक स्थिति खराब ना हो,पूरा देश शर्मिंदा है,बच्ची के साथ हुई दरिंदगी की घटना से,आज अश्रुपीड़ित आंखों से देश का प्रत्येक नागरिक,मासूम बिटिया को श्रद्धांजलि देता है,