शकील खान

रमजान के महीने में उपवास रखा जाता है। रमजान मनाने के पीछे ये मान्यता है कि, रोजा रखने वालों और नमाज पढ़ने वालों पर अल्लाह की रहमत होती है। इस महीने रोजा रखकर लोग अल्लाह की इबादत कर उनसे अपनी गुनाहों की माफी मांगते है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक अगर कोई इंसान रमजान के दौरान अपने गुनाहों की माफी मांगता है तो अल्लाह उसकी माफी कुबुल कर लेते हैं और उन्हें जन्नत नसीब देते है। इसीलिए हर साल मुस्लिम समुदाय द्वारा रमजान के महीने में बड़े ही उत्साह और अल्लाह से दुआ नसीब करने के लिए रमजान मनाते है। रमजान मनाने के पीछे ये मान्यता है कि, रोजा रखने वालों और नमाज पढ़ने वालों पर अल्लाह की रहमत होती है। इस महीने रोजा रखकर लोग अल्लाह की इबादत कर उनसे अपनी गुनाहों की माफी मांगते है। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक अगर कोई इंसान रमजान के दौरान अपने गुनाहों की माफी मांगता है तो अल्लाह उसकी माफी कुबुल कर लेते हैं और उन्हें जन्नत नसीब देते है। इसीलिए हर साल मुस्लिम समुदाय द्वारा रमजान के महीने में बड़े ही उत्साह और अल्लाह से दुआ नसीब करने के लिए रमजान मनाते है।