
गाजियाबाद। एक तरफ जहां भाजपा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पार्टी में अनुशासन को लेकर बड़े-बड़े बयान दे रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ बहुत से लोग अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं और प्रदेश अध्यक्ष के अनुशासन वाले पाठ को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। आपको बताते चलें गाजियाबाद में जल्दी नगर निगम चुनाव होने हैं जिनमें वार्ड नंबर 25 से कन्हैया लाल अपनी उम्मीदवारी एवं टिकट को लेकर पूर्णता आश्वस्त नजर आ रहे हैं उन्होंने तो अपने बैनर में सीधा पार्षद प्रत्याशी ही लिखवा दिया। एक और 2017 के नगर निगम चुनाव की बात करें तो यह वार्ड नंबर 25 अनारक्षित था जिसमें कन्हैयालाल द्वारा पहले भी टिकट दावेदारी की गई थी तथा टिकट न मिलने पर उन्होंने पार्टी द्वारा चयनित प्रत्याशी बलराम रावल के सामने निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा के प्रत्याशी को हराने का काम किया। आपको बताते चलें की 2017 में जबकि वार्ड नंबर 25 अनारक्षित था तब भी कन्हैया लाल जो कि आरक्षित श्रेणी से आते हैं ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। पार्टी के बड़े नेता का हाथ सर पर हो तो कोई भी टिकट के लिए आश्वस्त हो सकता है एक तरफ जहां उन्होंने 2017 में पार्टी के विरुद्ध चुनाव लड़ा आज वह अपने आपको पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर रहे हैं। कन्हैया लाल वार्ड 25 से पार्षद की ना केवल दावेदारी कर रहे हैं बल्कि उन्होंने अपने वार्ड में लोगों की नजर में संभावित प्रत्याशी के बैनर लगा दिए हैं। बैनर में साफ तौर पर संभावित प्रत्याशी कन्हैया लाल लिखा हुआ है। प्रशासन द्वारा अभी सभी वार्डों में आरक्षण परसीमन कार्य चल रहा है। कौन से वार्ड आरक्षित श्रेणी में आएंगे या कौन से सामान्य होंगे यह निर्णय सूची घोषित होते ही पता चल सकेगा। लेकिन कन्हैया लाल ने भाजपा से टिकट को लेकर पूरी आश्वस्त है और यही वजह है कि वह अपने वार्ड में बैनर में संभावित प्रत्याशी घोषित कर दिया है। इससे तो यह सिद्ध होता है कि कन्हैया लाल को ना तो अपने प्रदेश अध्यक्ष से कोई डर है और ना ही पार्टी के आला नेताओं से भय। सूत्र बताते हैं कि कन्हैया लाल पर भाजपा के वरिष्ठ नेता का आशीर्वाद मिला है। जिसके कारण वह संभावित प्रत्याशी घोषित कर दिया है।